तारामंडल (Planetarium)


                       
 

                         तारामंडल   

आज हम ब्रह्माण्ड में स्थित तारामंडल के बारे में जानेंगे।          तारामंडल  -  धरती से देखने पर आसमान मे कई सारे तारे एक समूह में एक आकृति में दिखााई देेते है ओर इन आकृति को हमारे पूर्वजों ने विशिष्ट नाम दिए तारों के किसी ऐसे समूह को तारामंडल कहते हैं।इन तारामंडल को इन की अक्रती के आधार पर वर्गीकृत किया गया है।
वृहत सप्तऋषि मंडल,लघु सप्तऋषि,मृग, सिंग्नस,हाइड्रा आदि
आकाश में कुल 89 तारा मंडल है।इन में से सबसे बड़ा तारामंडल सेन्टांरस है जिसमें 94 तारे है। हाइड्रा में काम से काम68 तारे है।
वृहत सप्तऋषि-इस तारामंडल में 7 सबसे चमकदार तारे है।जो आसमान में आसानी से दिखाई देते हैं। ओर इन्हीं से बना तारा मंडल व्रहत्सप्तृषी या बिग डिपर तारामंडल कहलाता है।
लघु सप्तऋषि - तारामंडल में भी 7 सबसे चमकदार तारे होते हैं।जो उत्तरी  गोलार्ध में व्रहत्सप्तृषी एवं लघु सप्तऋषि को प्रायः बसंत ऋतु में देखा जा सकता है।
मृग- इस तारा मंडल को शीत ऋतु में देखा जा सकता है मृग सर्वाधिक भव्य तारामंडलों में से एक है। इन में भी 7 चमकीले तारे होते हैं जो किसी चतुर्भुज के आकर के होते है।इस चतुर्भुज के एक कोने पर सबसे विशाल तारों में एक बीटलगीज नाम का तारा स्थित है जबकि विपरीत कोने पर रिगेल नामक अन्य चमकदार तारा स्थित है।मृग के अन्य तीन प्रमुख तारे तारामंडल के मध्य में एक सरल रेखा में अवस्थित है।

तारे - तारे ऐसे खगोलिए पिंड है,जो  को लगातार प्रकाश ओर ऊष्मा उत्सर्जित करते हैं।अतः सूर्य भी एक तारा है। भार के अनुपात में तारों में 70%हाइड्रोजन,28%हीलियम,1.5%कार्बन,नाइट्रोजन,एवम् निआंँन तथा 0.5%में लोहा ओर अन्य भरी तत्व है तारों को उनके भौतिक अभिलक्षणो जैसे आकार,रंग,चमक ओर ताप के अनुसार वर्गीकृत किया गया है।

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