बुध ग्रह का ज्योतिष शास्त्र के अनुसार महात्व

 ज्योतिष शास्त्र का महत्त्व

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुध ग्रह की जानकारी

हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार ज्योतिष शास्त्र का मनुष्य जीवन में बहुत महत्त्व है। ज्योतिष शास्त्र एक ऐसा शास्त्र है। जो मनुष्य जीवन में घटित घटनाओं और आगे क्या होने वाला है। इसके बारे में भी पहले से ही बता सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र ग्रहौ वह नक्षत्रों के गणितीय अध्ययन से पता लगा सकते हैं। के भविष्य में क्या घटने वाला है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रह व नक्षत्र

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार योजनाओं की संख्या 9 बताई गई हैं। जो निम्न अनुसार है: - मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, सूर्य, चन्द्रमा, राहु और केतु। और नक्षत्रों की संख्या 27 है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुध ग्रह का महत्त्व

  1. हिन्दू ज्योतिष के अनुसार बुध ग्रह को वृद्धि, तर्क, मित्रता विज्ञान, गणित, एकाग्रता, अनुसंधान और वाणी का कारक माना जाता है।
  2. वैदिक ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को उपस्थित मान 27 नक्षत्रों मैं से अश्लेषा, ज्येष्ठ और रेवती नक्षत्र का स्वामी माना जाता है। जिनमें जन्में जातक बुध से काफी प्रभावित होते हैं।
  3. ज्योतिष के अनुसार सूर्य व शुक्र ग्रह बुध के मित्र ग्रह माने जाते हैं। इसके विरूपित चंद्रमा और शनि इसके शात्रु है।
  4. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुध ग्रह को शुभाशुभ का ग्रह भी माना जाता है। बुध ग्रह अन्य योजनाओं की संगति के अनुसार फल देता है। यदि शुभ ग्रहों के साथ हैं तो यह शुभ फलदायी होता है इसका शुभ संगत ग्रह गुरु, शुक्र और बली चंद्र हैं। इसके विरूपित यदि बुध अशुभ योजनाओं की संगति में है तो अशुभ फल देता है। इसके अशुभ संगत ग्रह मंगल, राहु, केतु, शनि व सूर्य है।
  5. बुध ग्रह मिथुन और कन्या राशि का स्वामी है। कन्या राशि बुध ग्रह की उच्च राशि मानी जाती है। तथा मीन राशि को इसकी नीच राशि माना जाता हैं।
  6. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुध ग्रह कृपाल,फरसा व ढाल धारण किया हुआ बताया है तथा इनकी सवारी पंखों वाला सिंह बताया गया है इसके अलावा एक अन्य रूप राजदण्ड ओर कमल धारण किया हुआ एक उडने वाले रथ पर विराजमान बताया है।
  7. बुध ग्रह को बुधवार दिवस समर्पित किया गया है बुध का विवाह वैवस्वत मनु की पुत्री इला से हुआ
  8. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुध ग्रह चंद्रमा और तारा या रोहिणी का पुत्र है।
  9. बुध ग्रह एक सामान्य स्वभाव वाला हरे वर्ण वाला ग्रह है।
  10. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुध ग्रह को धातुओं में पितल और रत्नों में पन्ना पसंद है इससे जुड़ी दिशाएं उत्तर हैं। तथा मौसम में शरद ऋतु तथा तत्त्व पृथ्वी है।
  11. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिस जातक की कुंडली में बुध लग्न भाव में हो तो वह जातक रूप से सुंदर और आकर्षक व बुद्धि से चतुर होगा।
  12. बुध लग्न भाव में यदि कोई अशुभ ग्रह के बेठा है तो जातक शारीरिक रूप से दुर्बल बिमारियों से ग्रसित और मंद बुद्धि होगा।
  13. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुध ग्रह के देव गण गणपति है।
  14. बुध ग्रह अपना शुभ व अशुभ फल 32 से 36 वर्ष की आयु में और दशाओं व गोचर प्रदान करता है कुमार अवस्था पर भी इसका अधिकार कहा गया है।
  15. बुधवार के दिन विष्णुजी की पूजा करने और विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करने से बुध ग्रह की शांति होती है।

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