Vast space(विशाल अंतरिक्ष)
अंतरिक्ष करता है
पृथ्वी के बाहर स्थित वह शून्य स्थान जहां वायुमंडल मंडल समाप्त होता है अंतरिक्ष कहलाता हैं। हम इसे एसे भी समझ सकते हैं। अंत+रिक्ष-अंतरिक्ष यानी जहां हमारे छितिज का अंत होता है अंतरिक्ष कहलाता हैं। अंतरिक्ष इतना विशाल हैं।जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते।
यह वह स्थान है जहां मानुष्य का भार शून्य हो जाता हैं। यहां ग्रेविटी काम नही करती हैं। किन्तु इस अंतरिक्ष में स्थित सभी ग्रहों तथा पिण्डों में अपना गुरूत्वाकर्षण बल होता है। जो इस विशाल अंतरिक्ष में अपनी जगह स्थित है ओर अपनी धुरी पर घूमते रहते हैं।
इस अंतरिक्ष की विशालता कई प्रकाशवर्ष हो सकती हैं।इस अंतरिक्ष में कई ग्रह,तारे, मंदाकिनी, तारिकाएं, सूर्य और ब्लैकहोल मोजूद है। अंतरिक्ष में गूप अंधेरे के सिवाए ओर कुछ नहीं है।जिस प्रकार काली रात में विशाल आसमान में गूप अंधेरे में तारें दिखाई देते हैं।उसी प्रकार अंतरिक्ष में सभी ग्रह वा पिंड दिखाई देते है।
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