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यूरेनस ग्रह की जानकारी और तथ्य

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 यूरेनस ग्रह की जानकारी और तथ्य हमारे सौरमंडल में सूर्य से सातवां ग्रह यूरेनस है। यह सौरमंडल का तीसरा सबसे बड़ा ग्रह है। यह दूरबीन की सहायता से खोजा जाने वाला पहला ग्रह है। इस ग्रह की खोज 13 मार्च 1721 मे विलीयम हरशल ने की थी। बृहस्पति और शनि ग्रह की तरह यह भी एक गैसीय ग्रह है। तो आइए जानते हैं। यूरेनस ग्रह के बारे में और अधिक जानकारी। यूरेनस ग्रह की सूर्य से दूरी हमारे सौरमंडल में सूर्य से यूरेनस ग्रह की औसत दूरी 3 अरब किलोमीटर है। यह ग्रह सूर्य से बहुत अधिक दूर है। इस ग्रह पर सूर्य के प्रकाश को आने में पृथ्वी की तुलना में 1/1400 समय लगता है। लेकिन  सूर्य का प्रकाश यूरेनस ग्रह के धरातल पर पूरे 2 घण्टे 40 मिनट पर पहुंचता है। यह ग्रह पूर्ण रूप से गैस से बना हुआ है। यूरेनस  सौरमंडल का तीसरा सबसे बड़ा ग्रह है। जिसके कारण इस ग्रह का द्रव्यमान हमारी पृथ्वी के 14.5 गुना अधिक है। इस ग्रह का तापमान सभी पिण्डों में सबसे अधिक ठंडा है। जिसके कारण इस ग्रह के वातावरण में बर्फ अधिक मात्रा में पाईं जाती हैं। इस ग्रह पर पाई जाने वाली  बर्फ पानी और अन्य गैसों से मिलकर बनी हुई है। इस ग्रह का न्यूनतम ताप

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ब्रह्मांड तथ्य

शनि ग्रह की रोचक जानकारी

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  शनि ग्रह की रोचक तथ्य शनि ग्रह हमारे सौरमंडल का दुसरा सबसे बड़ा और सूर्य से छटवां ग्रह है।जो पूरी तरह से गैस से बना हुआ है। यह एक एसा ग्रह है। जिसके चारों ओर वलय मौजूद हैं।यह वलय चट्टानों से तथा बर्फ से बने हैं। जो शनि ग्रह की परिक्रमा कर रहे हैं। यह काफी चोडी पट्टीयों के रुप में शनि ग्रह के पास मौजूद हैं। शनि ग्रह की सूर्य से दूरी शनि ग्रह की सूर्य से औसत दूरी 142 करोड़ 66 लाख 78 हजार 421 किलोमीटर है। और यह बृहस्पति ग्रह के बाद सौरमंडल का दुसरा सबसे बड़ा ग्रह है। जो हाइड्रोजन तथा हिलियम गैस से बना है। शनि ग्रह का इतिहास प्राचिन काल से ही इस ग्रह की जानकारी हमारे पूर्वजों को थी।कई पुराने ग्रंथों तथा उपन्यासों में शनि ग्रह का वर्णन है। हमारे हिन्दू धर्म ग्रंथों में इसे सूर्य का पुत्र बताया गया है। जो धर्म और न्याय के देवता हैं। इसी तरह रोमन लोग इसे अपना देवता Saturns मानते हैं। जो कृषि का देवता हैं। हिन्दू धर्म में इसे काफी क्रोधित स्वभाव वाला बताया गया है। लेकिन इसे आधुनिक युग में गेलीलियो गेलिलि ने सन् 1610 में इसे तथा इसके पांच चंद्रमा को खोजा था। शनि ग्रह पर भेजे गए मिशन शनि ग्रह

बृहस्पति ग्रह की जानकारी और तथ्य

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  बृहस्पति ग्रह की जानकारी हमारे सौरमंडल में दो प्रकार के ग्रह पाए जाते हैं।स्थलीय ग्रह और गैसीय ग्रह उनमें से बृहस्पति ग्रह एक गैसीय ग्रह है। हमारे सूर्य से पांचवां ग्रह बृहस्पति है। जो हिलियम व हाइड्रोजन गैस से बना है। बृहस्पति ग्रह के बारे में और भी अधिक जानकारी इस प्रकार हैं- बृहस्पति ग्रह हमारे सौरमंडल का सूर्य से पांचवां ग्रह है। बृहस्पति एक गैसीय पिण्ड है।  बृहस्पति ग्रह की हमारे सूर्य से औसत दूरी 77 करोड़ 80 लाख किलोमीटर है। बृहस्पति ग्रह के बारे में हमारे पृथ्वी के लोग कई सदियों से जानते हैं अलग-अलग देशों के लोगों के अनुसार प्राचिन पुस्तको में इसका वर्णन किया गया है। रोमन धर्म के अनुसार बृहस्पति सभी देवताओं के राजा हुआ करते थे जिनको रोमन लोग जुपिटर के नाम से जाना करते हैं। बुध और शुक्र ग्रह के बाद बृहस्पति ग्रह एक ऐसा ग्रह है जिसे पृथ्वी से आसानी से देखा जा सकता हैं। पृथ्वी से इसका दृश्यमान -2.9 हैं। जो इसे आकाश में अधिक चमकदार बनाता है। जैसा कि आप जानते हैं कि बृहस्पति ग्रह एक गैसीय पिंड है जो कि एक चौथाई हिलियम गैसीय दृव्यमान  के साथ हाइड्रोजन से बना है। और हो सकता हैं कि इस

मंगल ग्रह की जानकारी और तथ्य

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  मंगल ग्रह की 15 आकर्षक जानकारी और तथ्य मंगल ग्रह सौरमंडल में सूर्य से चोथा और पृथ्वी की तरह एक स्थलीय ग्रह है। मंगल ग्रह की सूर्य से अधिकतम दूरी 24 करोड़ किलोमीटर है और न्यूनतम दूरी 20 करोड़ है। मंगल ग्रह का व्यास हमारी पृथ्वी के व्यास में लगभग आधा है। जहां पृथ्वी का व्यास 12742 किलोमीटर है। वहीं मंगल ग्रह का व्यास इसका आधा यानी 6779 किलोमीटर है। हमारी पृथ्वी की भांति मंगल ग्रह का धरातल भी तीन भागों से मिलकर बना है। भूपाल, भूप्रदास और क्रोड मंगल ग्रह को लाल ग्रह भी कहा जाता हैं। क्योंकि इसके धरातल में लौह तत्व की अधिकता है। हवा की नमी के कारण इसमें जंग लगने से मंगल ग्रह की धरती लाल रंग की दिखाई देती हैं। मंगल ग्रह के दो उपग्रह।फोबोस और डेमोस जो इसकी सतह से 6 हजार किलोमीटर दूरी पर स्थित है। सौरमंडल का सबसे ऊंचा पर्वत ओलम्पस मोन्स है जो मंगल ग्रह पर स्थित है। जिसकी सतह से ऊंचाई 22 किलोमीटर है। जो हमारी पृथ्वी पर स्थित एवरेस्ट से तीन गुना ज्यादा है। मंगल ग्रह का वातावरण हमारी पृथ्वी के वातावरण से बहुत कम घना है। जिससे यहां चंद्रमा की सतह की भांति उथ-खाथ या हमारी पृथ्वी की तरह ज्वालामुखी

पृथ्वी के 15 रोचक तथ्य

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  पृथ्वी के 15 रोचक तथ्य हमारी पृथ्वी सौरमंडल का सूर्य से तीसरा और एक मात्र ऐसा ग्रह है। जिसमें लाइफवुड है। ग्रंथों में इसे मृत्युलोक भी कहा जाता है। क्योंकि इस ग्रह पर जीवन है। और जो जीवित है उसकी मृत्यु भी है। इसे निला ग्रह भी कहा जाता है। क्योंकि इसमें मौजूद समुद्र के कारण यह अंतरिक्ष से देखने पर निली दिखाई देती हैं।  वैज्ञानिक दृष्टिकोण से हमारी पृथ्वी की जानकारी वैज्ञानिक दृष्टिकोण से हमारी पृथ्वी की आयु 4.54 बिलियन वर्ष है। इसकी सूर्य से अधिकतम दूरी 15 करोड़ 90 लाख 30 हजार है और न्यूनतम दूरी 14 करोड़ 70 लाख 95 हजार है।  पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करने में 365.26 दिन लगाती हैं। और अपने अक्ष पर घूमने में इसे 23 घण्टे 59 मिनट 26 सेकंड तक लगते हैं। पृथ्वी का वायुमंडल 78.08% नाइट्रोजन 20.95% आइनॉक्सिन 0.930% आर्गन 0.039% कार्बन डाइऑक्साइड और 1% वाष्प से बनीं है। हमारी पृथ्वी अपनी धुरी पर झुकी होने के कारण और सूर्य की परिक्रमा करने के कारण ऋतु परिवर्तन का कारण है। हमारी पृथ्वी का एकमात्र उपग्रह चन्द्रमा हैं। सूर्य, चन्द्रमा और पृथ्वी का परस्पर एक सिंध में आना सूर्य ग्रहण वा चन्द्रग्रहण क

बुध ग्रह का ज्योतिष शास्त्र के अनुसार महात्व

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  ज्योतिष शास्त्र का महत्त्व हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार ज्योतिष शास्त्र का मनुष्य जीवन में बहुत महत्त्व है। ज्योतिष शास्त्र एक ऐसा शास्त्र है। जो मनुष्य जीवन में घटित घटनाओं और आगे क्या होने वाला है। इसके बारे में भी पहले से ही बता सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र ग्रहौ वह नक्षत्रों के गणितीय अध्ययन से पता लगा सकते हैं। के भविष्य में क्या घटने वाला है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रह व नक्षत्र ज्योतिष शास्त्र के अनुसार योजनाओं की संख्या 9 बताई गई हैं। जो निम्न अनुसार है: - मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, सूर्य, चन्द्रमा, राहु और केतु। और नक्षत्रों की संख्या 27 है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुध ग्रह का महत्त्व हिन्दू ज्योतिष के अनुसार बुध ग्रह को वृद्धि, तर्क, मित्रता विज्ञान, गणित, एकाग्रता, अनुसंधान और वाणी का कारक माना जाता है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को उपस्थित मान 27 नक्षत्रों मैं से अश्लेषा, ज्येष्ठ और रेवती नक्षत्र का स्वामी माना जाता है। जिनमें जन्में जातक बुध से काफी प्रभावित होते हैं। ज्योतिष के अनुसार सूर्य व शुक्र ग्रह बुध के मित्र ग्रह माने जाते हैं। इसके विरूपित चंद